What Are White Truffles ? | Everything You Need To Know About White Truffles |व्हाइट ट्रफल्स के बारे में आपको जो कुछ पता होना चाहिए

सफेद ट्रफल्स क्या हैं? | व्हाइट ट्रफल्स के बारे में आपको जो कुछ पता होना चाहिए



सफेद ट्रफल्स :- यह एक प्रकार का फंगस/मशरूम है। जिसे "रसोई का हीरा" भी कहा जाता है। इसका स्वाद और सुगंध किसी भी व्यंजन को एक उत्तम अनुभव में बदल सकता है।


व्हाइट ट्रफल्स के बारे में आपको जो कुछ पता होना चाहिए: -


1. सफेद ट्रफल्स में तीखी सुगंध होती है और गहरा मिट्टी का स्वाद होता है।

2. असली ट्रफल की पहचान करना एक चुनौती है और आजकल यह खोजी कुत्ते और ट्रफल पिग्स द्वारा किया जाता है।

3. रियल ट्रफल्स की शेल्फ लाइफ कम होती है और ये बहुत महंगे होते हैं।

4. असली ट्रफल्स का शिकार करना एक श्रमसाध्य प्रक्रिया है।

5. अक्टूबर व्हाइट ट्रफल सीजन की शुरुआत का प्रतीक है।

6. सफेद ट्रफल में एक अनूठी सुगंध होती है, गिरती हुई बारिश, केंचुए, जुताई की गई मिट्टी और तीखी गंध का संयोजन।

7. ट्रफल केवल ओक, हेज़ल, चिनार, बीच और पाइन सहित कुछ प्रकार के पेड़ों की जड़ों के पास उगते हैं।


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Interesting Facts About Parle Company | Parle Agro Private Limited|पारले कंपनी के बारे में रोचक तथ्य | पारले एग्रो प्राइवेट लिमिटेड

 




पारले कंपनी के बारे में रोचक तथ्य | पारले एग्रो प्राइवेट लिमिटेड


1. Parle Agro की स्थापना 1929 में हुई थी और यह कंपनी Parle Products की एक शाखा है।

2. पारले एग्रो ने 1984 में परिचालन शुरू किया।

3. श्री प्रकाश जयंतीलाल चौहान 1984 में पारले एग्रो के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे।

4. फ्रूटी पारले एग्रो का सबसे ज्यादा बिकने वाला मैंगो ड्रिंक था।

5. Appy Fizz भारत का पहला स्पार्कलिंग ऐप्पल ड्रिंक 2005 में Parle Agro द्वारा लॉन्च किया गया था।

6. पारले एग्रो का मुख्यालय अंधेरी (पूर्व), महाराष्ट्र में है।

7. पेप्सिको इंडिया ने अपने नए बेवरेज बी-फिज में "फॉर द बोल्ड" टैगलाइन के इस्तेमाल को लेकर "पार्ले एग्रो" को अदालत में पेश किया।

8. पारले एग्रो प्राइवेट लिमिटेड को 26 दिसंबर 1985 में पंजीकृत किया गया था।

9. पारले प्रोडक्ट्स, पारले एग्रो और पारले बिस्लारी नाम की कंपनियां मूल पारले कंपनी के विभाजन से बनी थीं।


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6 Delicious and traditional food of Himachal Pradesh | Best Himachali Recipes | 6 स्वादिष्ट हिमाचली व्यंजन

6 स्वादिष्ट हिमाचली व्यंजन | हिमाचली व्यंजन


पहाड़ों का राजा हिमाचल | हिमाचल चारों ओर से जहाँ प्राकृतिक संपदाओं से घिरा पड़ा है ,वहीं यहाँ हिमाचल में जहाँ एक तरफ आपको मुस्कुराते हुए लोग मिलेगें वहीं दूसरी ओर हिमाचल के पकवान भी आप के चेहरे पर एक मुस्कान ला  देंगे |हिमाचल के उन्हीं पकवानों में से आज हम कुछ स्वादिष्ट पकवानों के बारे में बात करेंगे | पकवान इस तरह से हैं ;-


1.     मदरा :- सफेद चने व आलू से बने इस पकवान का नाम मदिरा शब्द से निकला है ,जिस का अर्थ है वह पकवान जिसे खाते ही आप स्वाद के नशे में चूर हुए बिना नहीं रह पाएँगे |यह पकवान खासकर पीतल के बर्तन में बनाया जाता है तथा इस में हर तरह के मसाले प्रयोग में लाए जाते हैं | इसे बर्तन में बहुत देर तक काढ़ा जाता है ,जिस से आपको सही स्वाद प्राप्त होता है |

2.     रैंटा :- इस पकवान को खजूर व सफेद चने से बनाया जाता है |यह स्वाद में खट्टा -मीठा होता है |

3.    राजरूपिए माह :- यह पकवान उड़द (माष) दाल से बनाया जाता है |इस में प्रयोग होने वाले माष कुछ बड़े आकार के होते हैं तथा यह पकवान तरीदार ना होकर ,दाल को उवालकर ,सूखा ही बनाया जाता है |इस पकवान में देसी घी कि अधिकता रहती है |

4.     बबरू :- यह हिमाचली कचौड़ी है ,इसे गेहूँ के आटे से बनाया जाता है |एक दिन पहले ,एक कटोरी गेहूँ के आटे को गूँधकर उस में दहीं मिलाकर ,उसे फूलने तथा नरम होने के लिए रख दिया जाता है |जब वह फूलकर नरम व स्पंजी बन जाता है तो उस कटोरी के आटे को ज्यादा आटे में डालकर फिर से यह प्रक्रिया की जाती है |इस फूले हुए आटे से रोटियाँ बनाई जाती हैं जिन्हे भटूरू कहते हैं |

5.     खट्टा :- खटास से भरा यह पकवान काले चने से बनाया जाता है | खटास के लिए इमली व अमचूर का प्रयोग किया जाता है |

6.     मिट्ठा :- यह पकवान बूँदी तथा चासनी से तैयार होता है तथा इस में सौंफ ,छोटी इलायची,काली मिर्च,नारियल तथा सूखे मेवों का प्रयोग होता है |

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Uncommon Food Fugu Fish | जहरीली जापानी पफर मछली

फुगु मछली | जहरीली जापानी पफर मछली 


फुगु एक जहरीली पफरफिश है जिसे दुनिया के कई हिस्सों में खासतौर पर जापान में खाया जाता है। इसके अंगों में टेट्रोडोटॉक्सिन की मौजूदगी के कारण यह बहुत जहरीली होती है। फुगु के व्यंजनों को बनाने के लिए रसोइयों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें लाइसेंस भी प्रदान किया जाता है। केवल वैध लाइसेंस वाले रेस्तरां और शेफ ही फुगु मछली के व्यंजन बनाने के लिए अधिकृत हैं। 


फुगु आपको कैसे मारता है?


 मछली की आंत, अंडाशय, यकृत और त्वचा जैसे आंतरिक अंगों में मौजूद जहर सोडियम चैनल ब्लॉकर होता है और जहरीले अंगों के सेवन से शरीर लकवाग्रस्त हो सकता है और मृत्यु का कारण बन सकता है। 


फुगु मछली कितनी जहरीली होती है?


 फुगु फिश का जहर साइनाइड से 1200 गुना ज्यादा तेज होता है और यह एक बार में 35 लोगों की जान लेने के लिए काफी होता है। 


Fugu  खाने के लोकप्रिय तरीके 


1. फुगु को कच्चा खाया जा सकता है।

 2. फुगु के मांस और त्वचा को सब्जियों के साथ उबालकर फूगु खाया जा सकता है। 

3. फुगु मांस को तला या ग्रिल किया जा सकता है। 

4. फुगु को पहले से उबाल कर स्लाइस करके खाया जा सकता है। 


फुगु के बारे में रोचक तथ्य | पफर मछली 


1. इसमें तीक्ष्ण स्वाद और चबाने वाली बनावट है। 

2. फुगु वसा में कम और प्रोटीन में उच्च होता है। 

3. फुगु में उमामी बहुत होती है। 

4. स्टाररी पफर फिश सबसे बड़ी पफर फिश है जो 1 मीटर तक लंबी हो सकती है। 

5. सफेद चित्तीदार पफर मछली सबसे छोटी पफर मछली है। 

6. पफर फिश के पेट की त्वचा शरीर का सबसे लोचदार हिस्सा होती है। 

7. शार्क ही एकमात्र ऐसी प्रजाति है जो पफर फिश से प्रतिरक्षित होती है। 

8. फुगु एकमात्र ऐसा व्यंजन है जिसे जापान के सम्राट को नहीं परोसा जा सकता। 

9. पफर मछली का जीवन काल 10 वर्ष का होता है। 

10. पफर फिश में शल्क नहीं होते हैं।


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