DELICACIES लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
DELICACIES लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

7 सबसे अच्छे हिमाचली पकवान | हिमाचली भोजन 7 Best Himachali Food

 7 सबसे अच्छे हिमाचली पकवान | हिमाचली भोजन

 

दोस्तो अगर कोई भी भारत घूमने आता है तो वह हिमाचल घूमना नहीं भूलता | हिमाचल देवों की भूमि होने के साथ साथ-साथ  अपने अलग स्वाद के लिए भी प्रसिद्ध है | आज मैं 7 हिमाचली पकवानों के बारे मे बताऊँगी जो आपको हिमाचल मे जाकर जरूर खाने चाहिए |

1.         आलू टिक्की :-   पहाड़ी आलू से बनी टिक्की कुरकुरी होने के साथ –साथ अंदर से मुलायम होती है और जब इसे पुदीने और अमचूर और गुड़ की चटनी के साथ परोसा जाता है तो स्वाद के क्या कहने | भारत में आप को और भी जगह यह मिल सकती है पर अगर हिमाचल में किसी हिमाचली दुकान पे अगर आप ने इस का स्वाद चख लिया तो भूल नहीं पाओगे |

2.         कड़ी पकोड़े :-  इस पकवान के बारे में भी ,आप लोग जानते ही हैं पर जब ठंडी के मौसम में गर्म-गर्म कड़ी के साथ ताजा तले हुए पकोड़े मिल जाएँ तो बात ही कुछ और है |

3.         छोले समोसे या चावल छोले :- सफ़ेद छोलों के साथ चटपटे समोसे या चावल में छोले व समोसे अलग ही स्वाद का अनुभव करवाते हैं | यह पकवान आप को हिमाचल की अधिकतर जगहों में मिल जाएगा |

4.         सिड्डू :- यह एक हिमाचली पकवान है जो आप को हिमाचल में ही मिलेगा यह मसाले,चटनी या आलू और दालों के पेस्ट से भरी हुई रोटी है , जो लगभग मोमो की तरह ही पानी की भाफ से बनाई जाती है |

5.         बबरू :- यह पकवान गेहूँ के आटे से बनता है | पहले दिन एक कटोरी गेहूँ का आटा गूँधकर उस में दहीं का एक चम्मच डालकर उसे रातभर फूलने के लिए रख दिया जाता है | अगली सुबह इस कटोरी के आटे को ज्यादा आटे में डालकर उस आटे को ढक कर रातभर रखा जाता है | अब उस आटे से, हाथों के साथ गोल गोल रोटियाँ बनाकर उन्हें तला जाता है |

6.         एंकली :- यह पकवान चावलों के आटे से बनता है | यह मीठा और नमकीन दोनों स्वादों में बनाया जा सकता है | यह लगभग डोसे की तरह की ही चीज है |

7.         कचालू के पत्तों का साग :- यह पकवान आप को हिमाचल के अधिकतर घरों में मिल जाएगा बस आप को बताना होगा और कोई भी आप के लिए यह साग तैयार कर देगा | यह कचालू के कोमल पत्तों को पानी मे उबालकर उनकी चटनी बनाकर बनाया जाता है |

 

FAQ    

Q1.      हिमाचल में प्रसिद्ध भोजन कब खिलाये जाते हैं ?

Ans: - धाम में |

Q2.      हिमाचली लोग नास्ते में क्या खाना पसंद करते हैं ?

Ans: - मक्के की रोटी और लस्सी ,सिड्डू ,पटंडे, एंकली,बबरू ,रोटी मक्खन के साथ परोंठे आदी |

 



अन्य पढ़ें

 

सावधान ! शहर में जहरीला धनिया बिक रहा है | धनिया की पहचान कैसे करें|How to Identify Coriander

सावधान ! शहर में जहरीला धनिया बिक रहा है | धनिया की पहचान कैसे करें

 



धनिया को कोरिएन्डर या चाइनीज़ पार्सले भी कहते हैं | यह औषधिय गुणों के साथ भारतीय रसोई में मसाले के रूप में प्रयोग होता है | इस के हरे पत्तों को भोजन में स्वाद व सजावट के तौर पर प्रयोग किया जाता है | धनिया साधारण रूप से दो प्रकार का होता है देशी धनिया और हाईब्रिड धनिया | देशी धनिया की सुगंध तेज होती है और पत्तों का  रंग हल्का हरा होता है जबकी हाईब्रिड धनिया मे कम खुशबू होती है और पत्तों का रंग गहरा हरा होता है |

 

धनिया की पहचान कैसे करें ?

धनिया एक नरम पौधा है |यह पौधा 50 सेंटीमीटर तक लंबा हो सकता है | इसका बानस्पतिक नाम कोरिएन्ड्र्म सेटाइवम है | इसकी पत्तियों का हल्का हरा  रंग,खिले-खिले पत्ते ,अच्छी सुगंध तथा पत्तियों का  आकार गोल होता है | धनिया स्वाद में खट्टा ,हल्का व मीठा होता है |

 

क्या धनिया जड़ी-बूटी है या मसाला है |धनिया का भोजन में उपयोग कैसे करें  

धनिया एक जड़ी-बूटी के साथ साथ मसाले के रूप मे बहुतायत में प्रयोग होता है | जड़ी-बूटी के रूप में इस के प्रयोग जानने के लिए क्लिक करें | मसाले के रूप में धनिया के निम्नलिखित प्रयोग हैं :-

(अ)   धनिया के बीज को सुखाकर ,पीसकर सूखे मसाले की तरह प्रयोग किया जा सकता है |

(ब)    धनिया के बीज सुखाकर ,खड़े मसाले की तरह प्रयोग किए जा सकते हैं |

(स)    हरा धनिया चटनी के रूप में भी खाया जा सकता है |

(द)    हरे धनिये को स्लाद के रूप मे भी प्रयोग कर सकते हैं |

(ए)    हरे धनिये का सूप बनाकर भी पिया जा सकता है |

 

FAQ

Q1.  देसी धनिया और पार्सले मे क्या अंतर है ?

Ans: - देसी धनिया हल्के हरे रंग का होता है और पार्सले गहरे हरे रंग का होता है |

Q2.  हरा धनिया 4-5 दिन तक कैसे स्टोर करें ?

Ans: - हरे धनिये के तनों को काटकर पत्ते अलग कर लें ,उन्हे किसी कागज मे लपेटकर फ्रीज में रख लें | इस से हरा धनिया 4-5 दिनों तक सही रहेगा |

Q3.  नकली धनिया के बीज कैसे पहचाने ?

Ans: - नकली धनिया के बीज स्वाद मे कड़वे होते हैं |

Q4. धनिया कितने दिन में उगता है?

Ans: धनिया बीजने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और नवंबर है|धनिया सामान्य अवस्था मे 50 से 60 दिनों मे उग जाता है और प्रयोग करने के काबिल हो जाता है |

Q5.  4 दिनों में धनिया कैसे उगाएँ ?

Ans: - धनिया के बीजों के पहले पानी मे फूलने के लिए छोड़ दें फिर छानकर किसी सूती  कपड़े मे डालकर किसी एयर टाइट बर्तन में रख दें | इस तरह से धनिया जड़ छोड़ देगा तथा इसे अब मिट्टी में उगा दें |

   




अन्य पढ़ें 

सब कुछ जो आपको कोलोकेशिया के पत्तों के बारे में जानना चाहिए | अरबी के पत्ते की सब्जी

सब कुछ जो आपको कोलोकेशिया के पत्तों के बारे में जानना चाहिए | अरबी के पत्ते की सब्जी 



अरबी के पत्ते हरे रंग के, दिल के आकार के होते हैं। ये पत्तियां 60 सेंटीमीटर तक लंबी हो सकती हैं। कोलोकेशिया के पत्ते/अरबी के पत्ते में उच्च मात्रा में विटामिन और फाइबर होते हैं। अरबी के पत्ते नेत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और स्वस्थ पाचन तंत्र को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, कैल्शियम ऑक्सालेट नामक पदार्थ इन पत्तियों में मौजूद होता है, जिससे खुजली हो सकती है, इसलिए पत्तियों को तोड़ने से पहले सरसों का तेल लगाएं। . 


कोलोकेशिया के पत्तों / अरबी के पत्तों के विभिन्न व्यंजन 


1. पत्रोड़े


(क) बेसन लेकर उसमें मसाले और नमक मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें।
(ख) पेस्ट को कोलोकेशिया के पत्तों / अरबी के पत्ते के विपरीत दिशा में लगाएं। 
(ग) पत्तों को बेलनाकार आकार में मोड़ें। 
(घ) धीमी आंच पर धीरे-धीरे भूनें।
(ड़) बेलनाकार आकृतियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और आनंद लें।




2. अरबी के पत्ते का रायता

(क) अरबी के पत्ते उबाल लें।
(ख) उबले हुए पत्तों को मैश कर लें।
(ग) इसमें दही डालकर अच्छी तरह मिला लें।
(घ) प्याज और टमाटर के टुकड़े डालें। 
(ड़) कम मात्रा में नींबू के रस डालकर स्वाद लें

3. अरबी के पत्ते का साग

(क) अरबी के पत्ते उबाल लें।
(ख) उबले हुए पत्तों को मैश करें।
(ग) इसमें नमक और मसाले डालें।
(घ) नींबू का रस डालें और आनंद लें।




अन्य पढ़ें 



What Are White Truffles ? | Everything You Need To Know About White Truffles |व्हाइट ट्रफल्स के बारे में आपको जो कुछ पता होना चाहिए

सफेद ट्रफल्स क्या हैं? | व्हाइट ट्रफल्स के बारे में आपको जो कुछ पता होना चाहिए



सफेद ट्रफल्स :- यह एक प्रकार का फंगस/मशरूम है। जिसे "रसोई का हीरा" भी कहा जाता है। इसका स्वाद और सुगंध किसी भी व्यंजन को एक उत्तम अनुभव में बदल सकता है।


व्हाइट ट्रफल्स के बारे में आपको जो कुछ पता होना चाहिए: -


1. सफेद ट्रफल्स में तीखी सुगंध होती है और गहरा मिट्टी का स्वाद होता है।

2. असली ट्रफल की पहचान करना एक चुनौती है और आजकल यह खोजी कुत्ते और ट्रफल पिग्स द्वारा किया जाता है।

3. रियल ट्रफल्स की शेल्फ लाइफ कम होती है और ये बहुत महंगे होते हैं।

4. असली ट्रफल्स का शिकार करना एक श्रमसाध्य प्रक्रिया है।

5. अक्टूबर व्हाइट ट्रफल सीजन की शुरुआत का प्रतीक है।

6. सफेद ट्रफल में एक अनूठी सुगंध होती है, गिरती हुई बारिश, केंचुए, जुताई की गई मिट्टी और तीखी गंध का संयोजन।

7. ट्रफल केवल ओक, हेज़ल, चिनार, बीच और पाइन सहित कुछ प्रकार के पेड़ों की जड़ों के पास उगते हैं।


अन्य पढ़ें 



6 Delicious and traditional food of Himachal Pradesh | Best Himachali Recipes | 6 स्वादिष्ट हिमाचली व्यंजन

6 स्वादिष्ट हिमाचली व्यंजन | हिमाचली व्यंजन


पहाड़ों का राजा हिमाचल | हिमाचल चारों ओर से जहाँ प्राकृतिक संपदाओं से घिरा पड़ा है ,वहीं यहाँ हिमाचल में जहाँ एक तरफ आपको मुस्कुराते हुए लोग मिलेगें वहीं दूसरी ओर हिमाचल के पकवान भी आप के चेहरे पर एक मुस्कान ला  देंगे |हिमाचल के उन्हीं पकवानों में से आज हम कुछ स्वादिष्ट पकवानों के बारे में बात करेंगे | पकवान इस तरह से हैं ;-


1.     मदरा :- सफेद चने व आलू से बने इस पकवान का नाम मदिरा शब्द से निकला है ,जिस का अर्थ है वह पकवान जिसे खाते ही आप स्वाद के नशे में चूर हुए बिना नहीं रह पाएँगे |यह पकवान खासकर पीतल के बर्तन में बनाया जाता है तथा इस में हर तरह के मसाले प्रयोग में लाए जाते हैं | इसे बर्तन में बहुत देर तक काढ़ा जाता है ,जिस से आपको सही स्वाद प्राप्त होता है |

2.     रैंटा :- इस पकवान को खजूर व सफेद चने से बनाया जाता है |यह स्वाद में खट्टा -मीठा होता है |

3.    राजरूपिए माह :- यह पकवान उड़द (माष) दाल से बनाया जाता है |इस में प्रयोग होने वाले माष कुछ बड़े आकार के होते हैं तथा यह पकवान तरीदार ना होकर ,दाल को उवालकर ,सूखा ही बनाया जाता है |इस पकवान में देसी घी कि अधिकता रहती है |

4.     बबरू :- यह हिमाचली कचौड़ी है ,इसे गेहूँ के आटे से बनाया जाता है |एक दिन पहले ,एक कटोरी गेहूँ के आटे को गूँधकर उस में दहीं मिलाकर ,उसे फूलने तथा नरम होने के लिए रख दिया जाता है |जब वह फूलकर नरम व स्पंजी बन जाता है तो उस कटोरी के आटे को ज्यादा आटे में डालकर फिर से यह प्रक्रिया की जाती है |इस फूले हुए आटे से रोटियाँ बनाई जाती हैं जिन्हे भटूरू कहते हैं |

5.     खट्टा :- खटास से भरा यह पकवान काले चने से बनाया जाता है | खटास के लिए इमली व अमचूर का प्रयोग किया जाता है |

6.     मिट्ठा :- यह पकवान बूँदी तथा चासनी से तैयार होता है तथा इस में सौंफ ,छोटी इलायची,काली मिर्च,नारियल तथा सूखे मेवों का प्रयोग होता है |

Secret Behind Kopi Lawaj Coffee | कोपी लवाज कॉफी के पीछे का रहस्य || कोपी लुवाक कॉफी कहाँ से आई?



कोपी लवाज कॉफी के पीछे का रहस्य || कोपी लुवाक कॉफी कहाँ से आई?


 कॉफी बीन्स को पाम सिवेट द्वारा खाया जाता है, पचाया जाता है और उनके शरीर के भीतर किण्वित किया जाता है और उनके द्वारा निकाले जाने पर उपयोग किया जाता है।


 ऐसा माना जाता है कि  सिवेट्स केवल सुगंधित और स्वादिष्ट चेरी चुनते हैं | जो कि उन के शरीर से बाहर आने पर कॉफी के रूप में प्रयोग होती है |


 Civet Coffee इतनी महंगी क्यों है?


 यह कॉफी महंगी है क्योंकि इसे सिवेट के मल से निकाला जाता है। यह पोषण में उच्च है और जानवरों की बिष्ठा को इकट्ठा करने की लागत भी अधिक है। 


क्या कोपी लुवाक कॉफी पीने के लिए सुरक्षित है 


जी हां, कोपी लुवाक कॉफी पौष्टिक और पीने के लिए सुरक्षित है। एशियन पाम सिवेट केवल वही चेरी खाते हैं जिनमें सुगंध अधिक होती है, उनके शरीर में गूदा पच जाता है और फलियाँ निकाली जाती हैं। फलियों को निकालने के बाद उन्हें साफ करके भून लिया जाता है। यह प्रक्रिया सभी प्रकार के बैक्टीरिया और कीटाणुओं को मार देती है जो बदले में कॉफी को पीने के लिए सुरक्षित बनाते हैं। 


आपको लुवाक कॉफी क्यों नहीं पीनी चाहिए लुवाक कॉफी न पीने के पीछे के कारण इस प्रकार हैं:- 


1.      इस प्रकार की कॉफी की अत्यधिक मांग के कारण। लोगों ने पाम सिवेट्स को पिंजरा में पालना शुरू कर दिया, वे उन्हें कॉफ़र बीन्स लेने के लिए मजबूर करते हैं। 


2.   मूल लुवाक कॉफी बीन्स को पहचानने का कोई तरीका नहीं है। बाजार में 80% कॉफी बीन्स डुप्लीकेट हैं।


South Indian Dish Dosa | What is a Dosa | Types of Dosas


दक्षिण भारतीय डिश डोसा | डोसा क्या है | डोसा के प्रकार | भारत का महंगा डोसा | गोल्ड प्लेटेड डोसा  क्या है 


1. डोसा एक पतला पैन केक है। 

2. डोसा को दाल और चावल के मिश्रण से बनाया जाता है। 

3. डोसा मुख्य दक्षिण भारतीय डिश है।

डोसा कैसे परोसा जाता है 

डोसा को सांभर और नारियल , मूंगफली कि चटनी के साथ तथा  कुछ जगहों पर इसे करी और सॉस आदि के साथ परोसा जाता है। 

डोसा के प्रकार 

डोसा तैयार करने की कई विधियां हैं और उन पर निर्भर करता है कि डोसा कई प्रकार के हैं।

कुछ मुख्य प्रकार के डोसा निम्नानुसार हैं: 1. मसाला डोसा। 2. ओट्स डोसा। 

3. सादा डोसा। 

4. पनीर डोसा। 

5. पालक डोसा। 

6. सोया डोसा। 

7. मैसूर मसाला डोसा। 

8. प्याज रवा डोसा। 

9. रवा डोसा। 

10. गुड़ का डोसा। 

11. गोल्ड प्लेटेड डोसा। 

12. सिल्वर प्लेटेड डोसा।


उपरोक्त सभी के बीच डोसा गोल्ड प्लेटेड डोसा बहुत महंगा है। 

क्यों गोल्ड प्लेटेड डोसा महंगा है 

1. गोल्ड प्लेटेड डोसा को सिल्वर थाली में परोसा जाता है। 

2. गोल्ड प्लेटेड डोसा नारियल पानी के साथ परोसा जाता है।

 3. गोल्ड प्लेटेड डोसा को जैतून के तेल में भुना जाता है और इसे मैश किए हुए आलू और सब्जियों से भरा जाता है। 

4. आपको  24 कैरेट गोल्ड की पन्नी के साथ गोल्ड प्लेटेड डोसा मिलेगा। 

5. गोल्ड प्लेटेड डोसा आईएसओ प्रमाणित डोसा है। 

क्या डोसा हेल्दी है | क्यों डोसा आपके लिए इतना हेल्दी है | नाश्ते के लिए डोसा खाने का कारण 

1. यह आपके पाचन तंत्र पर हल्का है। 

2. डोसा कार्बोहाइड्रेट का सबसे अच्छा स्रोत है जो आपको पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रखता है। 

3. डोसा प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है। 

4. डोसा वसा पर कम होता है। 

5. डोसा फाइबर में कम होता है क्योंकि यह चावल से बना होता है। 

6. यह आवश्यक खनिजों का समृद्ध स्रोत है। 

7. डोसा विटामाइन सी में समृद्ध है। 

8. इसमें कोई ग्लूटन नहीं होता है।


अन्य पढ़ें 

Matsutake मशरूम | महंगा खाद्य पदार्थ

 Matsutake मशरूम | महंगा खाद्य पदार्थ




 Matsutake एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में उगने वाले मशरूम की ,दुर्लभ, जंगली, खाद्य और उच्च मांग वाली प्रजाति है। Matsutake का मतलब जापानी में पाइन मशरूम है।

पहचान 

1. मैशटेक मशरूम देवदार के पेड़ों की जड़ों में बढ़ता है।

 2. Matsutake मशरूम में उत्तल आवरण होते हैं, जो 2 से 8 इंच व्यास के होते हैं। 

3. Matsutake मशरूम में 2 से 6 इंच का तना होता है, जो दृढ़ होता है और खोखला नहीं होता है। 

4. Matsutake मशरूम प्रारंभ में शुद्ध सफेद और  चिकना होता है और फिर कुछ समय के बाद वे भूरे रंग के धब्बे और रेखाएँ विकसित करते हैं। 

5. Matsutake मशरूम की खुशबू मीठी दालचीनी की तरह होती है । यह माँस के टुकड़े सा दिखता है। 

सबसे अच्छा वर्गीकृत Matsutake मशरूम कौन से हैं?

 तने के समतल और 6 इंच के माप वाले मशरूम को सबसे अच्छा वर्गीकृत किया गया है।

 क्यों Matsutake मशरूम 

महंगे हैं ?? 


 1.   मशरूम को चीड़ के पेड़ों के नीचे से हाथों से चुना जाता है।

 2.  Matsutake मशरूम की खेती मुश्किल है, इनकी खेती करने का तरीका कोई नहीं जानता। 

3.  पाइन के पेड़ को समाप्त  करने बाले कीड़े के कारण मशरूम की उगाई कम हो गई। 

4.  Matsutake मशरूम को प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ द्वारा खतरे में पड़ी प्रजातियों की सूची में रखा गया है।


अन्य पढ़ें 



Saffron a wounder and most expensive food item|केसर एक आश्चर्य और अनमोल पौधा | Saffron

Saffron a wounder and most expensive food item|केसर एक आश्चर्य और अनमोल पौधा | Saffron




केसर की पहचान

1.    केसर केसरिया फूल से आता है जिसका नाम केसरिया क्रोकस या क्रोकस सैटिवस होता है 

2.    पौधा 20-30 सेमी ऊंचाई का होता है और चार फूलों तक होता है। 

3.    केसर का फूल सर्दियों के दौरान उपलब्ध होता हैं। 

4.     सूँघने पर केसर मीठा और कर्कश होता है। 

5.    असली केसर धीरे-धीरे पानी को पीला कर देता है और उसका लाल रंग बरकरार रखता है। 

केसर का उपयोग (प्रयोग) 

1.     इसका उपयोग खाद्य पदार्थों में रंगाई,  स्वाद बढ़ाने वाले एजेंट के रूप में किया जाता है। 

2.     हृदय रोग, रक्तचाप, यकृत, गुर्दे की बीमारियों, सर्दी खांसी और यौन समस्याओं जैसे कई रोगों के लिए उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। 

केसर के महंगा होने के कारण 

 1.     500 ग्राम केसर का उत्पादन करने के लिए लगभग 50000 से 75000 crocus sativus पौधों की आवश्यकता होती है। 

2.     एक पौधा केवल तीन कोंपल पैदा करता है। 

3.     500 ग्राम केसर का उत्पादन करने के लिए 2,20,000 से अधिक रेशे हाथ में लिए जाते हैं।

अन्य पढ़ें 

LATEST

7 सबसे अच्छे हिमाचली पकवान | हिमाचली भोजन 7 Best Himachali Food

  7 सबसे अच्छे हिमाचली पकवान | हिमाचली भोजन   दोस्तो अगर कोई भी भारत घूमने आता है तो वह हिमाचल घूमना नहीं भूलता | हिमाचल देवों की भूमि...

सबसे ज्यादा पसंद की गई पोस्ट